पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi)

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi)

हमारे पेट में गैस बनना एक नेचुरल और आवश्यक प्रक्रिया है और यह सभी को बनती ही है। फर्क बस इतना है किसी को कम तो किसी को ज्यादा बनती है। जब गैस कम बनती है तब भी परेशानी होती है और जब ज्यादा बनती है तब तो और भी ज्यादा परेशानी होती है।

   परंतु जब यह गैस पास नहीं होती है तब आदमी के प्राण निकलने जैसे लक्षण होने लगते हैं। इसलिए आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi) पेट में गैस क्यों बनती है (pet me gas kyon banti hai) पेट में गैस के लक्षण pet me gas ke lakshan क्या हैं। तो चलिए सबसे पहले हम यह बात करते हैं कि पेट में गैस क्यों बनती है (pet me gas kyon banti hai)

=) पेट में गैस क्यों बनती है (pet me gas kyon banti hai)

जब हम खाना खाते हैं तब हमारे पाचन तंत्र में भोजन पाचन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, मीथेन आदि गैस बनती है। आमतौर पर यह गैस डकार या अपान वायु के माध्यम से निकल जाती हैं और शरीर को कोई परेशानी नहीं होती है। 

  परंतु कभी-कभी यही गैस एसिडिटी भी बन जाती है। आयुर्वेद की अगर मन तो शरीर में अगर कोई भी दोष होता है तो उसका मुख्य कारण त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ़ इन तीनों के असंतुलन की वजह से होता है। पेट मे गैस की अगर बात करें तो इसके लिए मुख्य कारण हैं:-

अनुचित खान-पान, 

ज्यादा भोजन करना, 

बैक्टीरिया का पेट के अंदर ज्यादा उत्पादन होना,

भोजन करते समय ज्यादा बातें करना और भोजन को अच्छी तरीके से चबा कर ना खाना,

पेट में एसिडिटी ज्यादा बनना,

दूध से एलर्जी होना,

पचने में भारी चीजों का अधिक सेवन करना,

ज्यादा तनाव या स्ट्रेस लेना या फिर डिप्रेशन में रहना,

ज्यादा शराब पीना,

फूड प्वाइजनिंग हो जाना और कब्ज होना,

ज्यादा मीठी चीज और पैकेज्ड फूड का उपयोग करना,

सुबह के समय नाश्ता न करना या गलत अथवा भारी नाश्ता करना,

तली भुनी और मिर्च मसालेदार,

चीज ज्यादा खाना,

व्यायाम न करना या फिर फालतू पड़े रहना,

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi)

अपने भोजन में राजमा, छोले, मोठ, लोबिया, उड़द,  बीन्स, अरहर, चने आदि का इस्तेमाल ज्यादा करना, इसके अलावा जो लोग सेम, गोभी, नाशपाती, आलू, खोवा की आदि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं उनको भी गैस बनती है,

 जिन चीजों में हाई फैट या हाई प्रोटीन होता है अथवा जो लोग काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं उनको भी गैस होती है, साथ ही साथ जो लोग एक ही भोजन हमेशा या बार-बार करते हैं अथवा पोषण युक्त भोजन नहीं खाते हैं उनको भी गैस होती है,

 जो लोग खाने के समय ज्यादा पानी पीते हैं या खाने के समय बिल्कुल नहीं पानी पीते हैं उनको भी गैस होती है,

 जो लोग खाने के बाद तुरंत काम पर लग जाते हैं उनको भी गैस की समस्या होती है,

 ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम खाना खा लेते हैं और अधिक मात्रा में खाना खाते हैं तब हमारे शरीर का पूरा रक्त पेट में आ जाता है जिस वजह से और अंग से काम लेने पर हमारे पाचन ख़लल पड़ती है। और हमको गैस बनने लगती है।

=) पेट में गैस के लक्षण pet me gas ke lakshan

पेट में जब गैस बनती है तो पेट फुला हुआ या उसमें चुभन जैसा दर्द होना, उल्टी होना, सिर में दर्द रहना, कब्ज रहना, पूरे दिन आलस रहना, अच्छी तरीके से पेट साफ ना होना, पेट के अंदर ऐंठन होना, खट्टी डकार आना, अपान वायु निकलना और गंदी वायु निकलना, मुंह से बदबू आना, दिल घबराना और जब यह रोग पुराना हो जाता है तब लोगों के बाल झड़ने लगते हैं, सेक्स पावर में कमी हो जाती है, साथ ही साथ उनका जोड़ों में दर्द भी होने लगता है।

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi)

=) सीने में गैस के लक्षण sine me gas ke lakshan

कई बार ऐसा भी होता है कि जब पेट में गैस ज्यादा बन जाती है और वो पास नहीं होती है तब वह पेट में भरती जाती है और सीने पर इसका दबाव पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को लगता है कि सीने में गैस भर गई है और जब सीने में गैस भर जाती है तब व्यक्ति को चक्कर आना, सर दर्द करना, दिल घबराना, सांस फूलना, बेचैनी महसूस होना, खट्टी डकार आना, आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।

 कई बार तो ऐसा भी होता है कि जब यह रोग पुराना हो जाता है या किसी व्यक्ति को ज्यादा गैस बनने लग  जाती है तो उसको बेहोशी भी हो जाती है। ऐसे में उसको सीपीआर भी दिया जाता है। कई मामलों में तो यह देखा गया है कि सीने में गैस की वजह से लोगों को हार्ट अटैक की समस्या भी बढ़ जाती है।

=) आंतों में गैस बनना aanto me gas banna

आंतों में और पेट में गैस बनना एक नॉर्मल बात है आमतौर पर देखें तो आंतें हमारे पेट का ही हिस्सा है। जब हम खाना खाते हैं तो वह हमारे मुंह के द्वारा चबाकर और 50% भाग पचाकर हमारे आमाशय में भेज दिया जाता है और अमाशय से जब यह आगे बढ़ता है तो इसमें पेनक्रियाज और लीवर के पाचन रस आकर इसमें मिल जाते हैं और जब यह भोजन और आगे बढ़ता है तब यहां आंतों में पहुंचता है।

 वहां पर इसके पोषक तत्वों का अवशोषण शुरू हो जाता है। परंतु जब हम भारी मात्रा में भोजन करते हैं या बासी अथवा कुछ ऐसा खाते हैं जो की पचाने में आसान नहीं होता है और अवशोषण में वह जल्दी अवशोषित नहीं होता है तो हमारे आंतों में गैस बनने लगती है। क्योंकि जब भोजन अच्छी तरीके से चबाया या पचाया नहीं जाता है अथवा उसके अंदर हमारे पाचन ग्रंथियों का रस अच्छी तरीके से नहीं मिलता है तो उसके अवशोषण में परेशानी होती है। साथ ही आंतों में इसका खिसकाव और पाचन अच्छी तरीके से नहीं होता है। जिस वजह से आंतों में गैस बनने लगती है।

 जब आँतों में गैस बनती है तो पेट फूल जाता है और उसको दबाने या चोट करने पर वह फुले हुए गुब्बारे की तरह आवाज करता है। कई बार तो पेट में गैस बनने की वजह से व्यक्ति को बहुत ज्यादा ऐठन और चुभन भी महसूस होती है। ऐसे में अगर अपान वायु नहीं निकलती है तो व्यक्ति को लगता है कि अब जान गई तो तब जान गई।

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi)

=) गैस की रामबाण दवा gas ki ramban dawa

पेट में गैस की रामबाण दवा की अगर बात करें तो इसके लिए छाछ में काला नमक या सेंधा नमक मिलाकर पीना बहुत फायदा करता है। इससे खाने का पाचन होता है और पेट की गैस शांत हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि छाछ के अंदर लैक्टिक एसिड होता है। जिस वजह से पेट की गैस कम होती है। साथ ही अगर इसमें एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण भी मिल लिया जाता है तो यह सोने पर सुहागा होता है।

 अगर दूसरी बात करें तो वह है जीरे का पानी। जीरा खाने को पचाने का काम करती है इसलिए कई बार आपने देखा होगा कि सब्जियों और दालों में या अन्य  पकवानों में जीरे का छौंक लगाया जाता है क्योंकि इससे खाना स्वादिष्ट और पाचन युक्त बनता है। जीरे का पानी बनाने के लिए एक गिलास यानी 200 ML पानी में एक चम्मच जीरा डालें फिर इसको गैस पर 10 से 15 मिनट तक उबाले। उबालने के बाद इसको ठंडा करके खाना खाने के आधे घंटे के बाद पी जायें। इससे गैस बहुत जल्दी ठीक हो जाती है।

=) खाली पेट गैस की दवा khali pet gas ki dawa

अगर हम मेडिकल पर मिलने वाली पेट की गैस की दवा के बारे में बात करें तो उसमें मुख्य रूप से आयुर्वेद की गैसेक्स टेबलेट (हिमालय कंपनी) गैसन्तक वटी, गैसोफास्ट आदि दवाइयां रोगी को दी जाती है। परंतु फिर भी कई लोग घरेलू वाली पेट गैस की दवा खोजते हैं।

   उसके लिए अदरक के छोटे-छोटे कटे हुए पतले टुकड़े पर सेंधा नमक या काला नमक छिडक कर खाना बहुत फायदेमंद होता है। इससे खाने का पाचन होता है और गैस तुरंत खत्म हो जाती है। इसके अलावा अन्य और भी कई दवाइयां हैं जो मेडिकल पर मिलती हैं परंतु उनको हमेशा डॉक्टर की देखभाल में ही लेना चाहिए।

=) पेट गैस की टेबलेट gas ka tablet

पेट में गैस की अगर बात करें तो इसके लिए बहुत सारी टैबलेट मार्केट में अवेलेबल है जैसे 

गो गैस 150 एमजी टेबलेट 

रेनटेक 150 एमजी टेबलेट 

एसी लॉक टैबलेट

 Raisen 150 mg tablet, 

Retiva tablet, 

ranitin tablet इत्यादि। यह सारी टैबलेट बहुत सस्ती और हर दुकानों पर आराम से अवेलेबल हो जाती हैं। परंतु यह सब भी डॉक्टर के सलाह से ही लेना चाहिए खुद डॉक्टर नहीं बन जाना चाहिए।

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi)

=) आंतों में गैस फस जाए तो क्या करें? Anton me gais fas jaye to kya kare

आंतों में गैस फस जाना मुख्य रूप से जब कोई व्यक्ति अपनी अपान वायु यानी फार्ट को रोकता है तो उसके कारण होता है। इसलिए कभी भी अपनी अपान वायु या डकार वगैरह को रोकना नहीं चाहिए और अपने खान-पान की आदतों पर ध्यान रखना चाहिए। 

  अगर आपकी आंतों में गैस फस गई है तो कांच की बोतल में गर्म पानी भरकर उसको थोड़ा ठंडा करके फिर उससे अपने पेट पर सिकाई करें। इससे आतीं में फंसी हुई गैस बाहर निकलती है और पेट का दर्द सही होता है। 

  इसके अलावा हल्के हाथों से अपने पेट पर मालिश करना यानी पेट को ऊपर से नीचे की ओर तेल लगाकर मालिश करना, भोजन के बाद लौंग के तेल का सेवन करना, सिरके का सेवन करना तथा खाने के बाद टहलने से गैस की समस्या खत्म हो जाती है और अगर आपके आंतों में गैस ज्यादा समय के लिए फस गई है तो उसके लिए डॉक्टर को मिले और उनसे दवाई लें

=) लगातार गैस बनने का क्या कारण है? Lagatar gas kyon banti hai

लगातार गैस बनने के कारणों के बारे में हम पहले ही आपको बता चुके हैं। परंतु अगर फिर भी आपको इसके बारे में कुछ ज्यादा जानना है तो इतना समझ लीजिए कि जो लोग भोजन को अच्छी तरीके से चबा कर नहीं खाते हैं उनको गैस ज्यादा बनती है। जो लोग शरीर से ज्यादा काम नहीं करते हैं उनको भी गैस ज्यादा बनती है।

   इसके अलावा बूढ़े मोटे और बासी खाने वालों को भी गैस ज्यादा बनती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन लोगों का पाचन सिस्टम खराब हो जाता है जिस वजह से पाचन में समय लगता है। जब पाचन में समय लगता है तो भोजन के अंदर काफी मात्रा में गैस बनती है। क्योंकि यह भोजन पचने की बजाय सड़ने लगता है। इसलिए इसमें से गंदी वायु निकलती है और व्यक्ति को गैस बनती है। 

निष्कर्ष

आज आपने जाना :-

पेट में गैस हो तो क्या खाना चाहिए (pet me gas ka ilaj in hindi), 

पेट में गैस क्यों बनती है (pet me gas kyon banti hai), 

पेट में गैस के लक्षण क्या होते हैं,pet me gas ke lakshan

आंतों में गैस क्यों बनती है aanto me gas banti hai,

गैस की रामबाण दवा gas ki ramban dawa कहा है।

उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपके जीवन में लाभदायक साबित होगी। अगर फिर भी कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करना ना भूले। हम आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करेंगे।


Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url