सेक्स का मूड कैसे बनाएं ladki ka mood kaise banye

सेक्स का मूड कैसे बनाएं ladki ka mood kaise banye


सेक्स का मूड कैसे बनाएं ladki ka mood kaise banye


सेक्स यानी संभोग करने की इच्छा भला किस इंसान की नहीं होती है। सेक्स मानव जीवन की एक बहुत महत्वपूर्ण और आनंददायक क्रिया है। हर पुरुष या महिला आनंददायक संभोग की कामना जरूर करते हैं। पुरुष तो किसी तरीके से संतुष्ट हो जाते हैं परंतु दुनिया में आज भी 60 से 70% महिलाएं पूरी तरीके से संतुष्ट नहीं हो पाती हैं।

   ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकतर पुरुषों को काम कला का ज्ञान ही नहीं है। अधिकतर पुरुषों का सिर्फ यह मानना है कि एक स्त्री के साथ ज्यादा देर तक योनि में लिंग डालकर कैसे संभोग किया जाए। उनका रोमांस फोरप्ले और प्यार भरी बातें करने का ना तो मन करता है और ना ही जानकारी है कि ये कैसे किया जाता है। 

   वास्तव में देखा जाए तो रोमांस करना या फोरप्ले करना यह पुरुष को प्रकृति ने बचपन में ही प्रदान कर दी होती है बस पुरुष को अपना मूड और नजरिया ऐसा बनाना है कि उसकी पत्नी भी एक इंसान है उसको भी उतना ही मजा मिलना चाहिए जितना वह स्वयं चाहता है। अगर एक संभोग में स्त्री संतुष्ट न हो और पुरुष संतुष्ट हो तो फिर यह संभोग नहीं सिर्फ और सिर्फ भोग कहलाता है। इसमें प्रकृति के नियमों का हनन किया जाता है। तो चलिए हम आज बात करते हैं कि संभोग के लिए मूड कैसे बनाएं और संभोग को मजेदार कैसे बनाएं।

सेक्स का मूड बनाने के लिए सबसे जरूरी चीज यह है कि आपका दिमाग टेंशन फ्री होना चाहिए। अगर आप टेंशन में या किसी चीज में डूबे रहेंगे तो आपका ध्यान सेक्स की तरफ अच्छी तरीके से नहीं जा पाएगा। हालांकि 14-15 वर्ष की उम्र से 24-25 वर्ष की उम्र के लड़को का ध्यान एकाएक सेक्स की तरफ चला जाता है।

   फिर चाहे भी जितनी टेंशन या परेशानियां हो उनका मूड हमेशा बना ही रहता है। फिर 25- 26 उम्र के बाद उनके ऊपर जिम्मेदारियां और चिंताएं ज्यादा आ जाती है और उसके टेस्टोस्टेरॉन के लेवल भी धीरे-धीरे कम होने लगता है जिस वजह से उनका मन सेक्स की तरफ से भटकने लगता है। ऐसे में एक पुरुष को चाहिए कि वह करियर और सेक्स के लिए अपना टाइम निर्धारित करें। 

  यानी कि जब काम करें तो सिर्फ काम पर ध्यान दें और जब संभोग करें तो सिर्फ और सिर्फ संभोग पर ध्यान दें। वरना ऐसे में वह पूरी तरीके से संभोग में लिप्त नहीं हो पाएगा फिर ना तो उसको पूरी तरीके से आनंद मिलेगा और ना ही वह स्त्री को आनंद दे पाएगा।

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● रात में कम भोजन ले

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो खाना खाकर सोने के टाइम संभोग किया करते हैं और संभोग करने के तुरंत बाद सो जाते हैं जो की बिल्कुल गलत बात है। अगर आपको संभोग करना है तो सबसे पहले इसकी प्लानिंग करें। यानी कि खाना खाने और संभोग करने के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर होना चाहिए।

   ऐसे में आपके खाने का पाचन हो जाएगा, पेट हल्का हो जाएगा और जब आप संभोग करेंगे तो आप पूरी तरीके से एक्टिव रहेंगे। या फिर हो सके तो सुबह के समय संभोग कीजिए।

 क्योंकि जब आप खाना खाकर सो जाएंगे तो नींद की वजह से आपके शरीर की पूरी थकावट और पूरी चिंता मिट जाएगी और सुबह आपका दिमाग बिल्कुल फ्रेश तथा शरीर तरोताजा फील करेगा। ऐसे में जब आप सुबह संभोग करेंगे तो पूरी एनर्जी के साथ संभोग करेंगे और शीघ्रपतन भी नहीं होगा।

 ● सेक्स के लिए स्त्री का मूड कैसे बनाएं (Mood kaise banayen)

दोस्तों पुरुष का मूड तो किसी न किसी तरीके से सोच कर या फोटो और वीडियो देखकर बन जाता है। परंतु स्त्री के के साथ ऐसा नहीं होता है। जब तक कोई पुरुष उसके साथ प्यार भरी बातें, चुंबन, आलिंगन, सहलाना, रगड़ना, इत्यादि क्रियाएं ना करें तब तक स्त्रियों के अंदर उत्तेजना नहीं आती।

   इसलिए मुख्य बात यह है कि जब भी आप संभोग करें तो सबसे पहले स्त्री से प्यार से पेश आए। उसको चुंबन करें आलिंगन करें और उसके यौनांगों को जैसे:- होंठ, गाल, कान, नाभि, पेट, गर्दन, जांघों के बीच वाला हिस्सा, कमर इत्यादि पर चूमे, सहलाएं, हल्के दांतों से काटें आदि क्रियाएं करें। ऐसा 10 से 15 या 20 मिनट तक करने से चाहे भी जैसी स्त्री हो वह पूरी तरीके से सेक्स के लिए तैयार हो जाती है और आपको अपनी बाहों में जकड़ने लगती है। ऐसे में अगर आप संभोग करेंगे तो उसको बहुत आनंद प्राप्त होगा।

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 ● जिस स्त्री का मूड ना हो उसका मूड कैसे बनाएं।

बहुत सी स्त्रियां ऐसी होती हैं जो सेक्स को सिर्फ एक बच्चे पैदा करने का काम और गलत चीज मानती हैं। ऐसे में इन स्त्रियों को समझना चाहिए कि यह कोई बड़ी बुरी चीज नहीं है। बल्कि सब ऐसा करते हैं और उनके साथ प्यार और रोमांस के साथ बातें करके तथा उनको उत्तेजित करके संभोग करना चाहिए। 

  अगर आप किसी स्त्री के साथ फोरप्ले करके उसको अच्छी तरीके से उत्तेजित करके संभोग करते हैं तो जब भी आप उसको संभोग के लिए बोलेंगे तब वह तैयार हो जाएगी। मगर इसके लिए आपको फोरप्ले करना आना चाहिए और चाहिए कि स्त्री को बराबर का आनंद मिले वरना कोई भी स्त्री सेक्स से कतराने लगती है।

   अगर स्त्री को संभोग में मजा नहीं आएगा तो वह हमेशा संभोग से दूर भागेगी क्योंकि सिर्फ योनि में लिंग डालकर घर्षण कर देने से किसी स्त्री की काम संतुष्टि नहीं होती या उसको संपूर्ण मजा नहीं मिलता है। स्त्री के संपूर्ण देह में सेक्स समाया होता है। इसलिए जब स्त्री के साथ संभोग करना हो तो सबसे पहले उसके पूरे शरीर को चूमें, सहलाएं, रगड़े और हल्के दांतों से काटकर उत्तेजित करें तत्पश्चात संभोग करें।

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● संभोग के बाद

संभोग के बाद जो आप करते हैं वह भी मुख्य होता है। क्योंकि सेक्स के बाद पुरुष की एनर्जी बहुत कम हो जाती है। ऐसे में कई पुरुष कटे हुए पेड़ की तरह किनारे गिर जाते हैं और स्त्री धीरे-धीरे शांत होती है। ऐसे में जब स्त्री देखती है कि पुरुष मुंह एक तरफ करके लेट गया है और उसको कोई मतलब नहीं है तो स्त्री को बहुत बुरा लगता है। 

  ऐसे में चाहिए कि जब पुरुष स्खलित हो जाए तो स्त्री से दूर ना हो बल्कि उसी के साथ लिपट कर सोया रहे और उससे कुछ बातें करें या उसका चुंबन और आलिंगन करें। संभोग में स्खलित होने के बाद आप बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं हो सकते हैं परंतु इतना तो कर ही सकते हैं। इससे उसकी कामवासना धीरे-धीरे शांत होगी और उसको लगेगा की कोई उसकी फिक्र करता है और कोई उसको दिल से चाहता है।।

दिमाग से लिंग तक सेक्स का सिग्नल कैसे पहुंचता है?

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        जब दिमाग के पास कोई संदेश पहुंचता है ,तो वह उस संदेश को नर्वस सिस्टम तक पहुंचा देता है। नर्वस सिस्टम इस  संदेश को इच्छित अंग तक पहुंचा देता है। मन इस संदेश की संवेदनशीलता को घटा भी सकता है।और बढ़ भी सकता है।

      मन से यह संदेश सारे शरीर मे फैल जाता है। सेक्स इन्द्रियों के कारण दिमाग से  प्रेम रसायन स्त्रावित होता है। और यह प्रेम रसायन स्पाइनल कैनाल से होकर अन्य सभी इन्द्रियों  तक पहुंच जाता है। फिर सेक्स इन्द्रियाँ यह संदेश भेजती है कि इस काम मे दुख है या सुख।

      अब मस्तिष्क इस संदेश का विश्लेषण करती हैं और दुख वाले संदेश को दिमाग से बाहर फेकने का प्रयास करती हैं और आदमी को सेक्स के लिए प्रेरित करती हैं।

       सेक्स के समय अगर पुरुष के अंदर घबराहट,आत्मविश्वाश में कमी ,या सेक्स के प्रति घृणा जैसा भाव होगा तो सेक्स में बाधा आएगी और ऐसी स्थिति में दिमाग नर्वस सिस्टम के द्वारा सेक्स की इच्छा को आगे नही भेज पायेगा अंत मे परिणाम यह होता है कि नर्वस सिस्टम और रक्त प्रवाह दोनो प्रभावित होते हैं जिससे लिंग में तनाव नही आ पाता है। 

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